मंजू बाला
प्रधानाचार्य का संदेश
“मानवता के हर युग में, ज्ञान वह है जो सभी पूर्व पीढ़ियों द्वारा सृजित किया गया है, जिसमें वर्तमान पीढ़ी अपना योगदान जोड़ती है।
मोबियस स्ट्रिप का प्रतीक ज्ञान की निरंतर, विकसित और जीवंत प्रकृति का प्रतीक है – जिसका न कोई आरंभ है और न ही कोई अंत।”
हम सभी 21वीं सदी के भारतीय नागरिक भाग्यशाली हैं कि हम शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान, कौशल, और दृष्टिकोण की रोमांचक यात्रा का साक्षी बन रहे हैं, जिसे एनईपी 2020 और एनसीएफ 2023 द्वारा निर्देशित किया गया है।
भारतीय शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य और दृष्टि उच्च गुणवत्ता वाली शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से ज्ञान, मूल्यों और प्रतिभा को पोषित करना है, इस प्रकार भारत को एक वैश्विक महाशक्ति (विश्व गुरु) बनाने के लिए एक कदम आगे बढ़ाना है।
छात्रों में मौलिक कर्तव्यों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति गहरी सम्मान की भावना विकसित करना, देश के साथ बंधन, और अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की सचेत जागरूकता।
विचारों में ही नहीं बल्कि आत्मा, बुद्धि और कर्मों में भी भारतीय होने पर गहरी जड़ता और गर्व की भावना को स्थापित करना। हमारे छात्रों में 21वीं सदी के कौशल का विकास करना।
मूल्यों, दृष्टिकोणों, मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता, सतत विकास और अंततः हमारे छात्रों को वैश्विक नागरिक बनाना।
आइए हम इस अवसर का लाभ उठाकर शिक्षा में क्रांति लाएं, समग्र विकास को बढ़ावा दें, रचनात्मकता को प्रज्वलित करें और आजीवन शिक्षार्थियों को पोषित करें, इस शिक्षा युग में परिवर्तन के वास्तुकार बनें।
“जय हिंद जय भारत”
(मंजू बाला)
प्रधानाचार्य
पीएम श्री केवी एएफएस बागडोगरा